RBI Policy: 6 दिसंबर का इंतजार; महंगाई पर होगा वार! घट सकती है Loan EMI, गवर्नर के ऐलान से खुश होगा शेयर बाजार?
RBI Policy: रिजर्व बैंक की पॉलिसी (RBI Policy) 4 दिसंबर से शुरू होगी और 6 दिसंबर को इसका नतीजा आएगा. सवाल है, क्या इस बार RBI गवर्नर रेट कट करने जा रहे हैं? क्या आपके लोन की EMI कम होने जा रही है? महंगाई पर काबू पाया जा सकेगा?
RBI Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतिगत दरों (Policy Rates) में बदलाव देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालते हैं. जब भी RBI रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती करता है, इसका इम्पैक्ट आम आदमी से लेकर सरकार की आर्थिक योजनाओं तक हर स्तर पर दिखाई देता है. रिजर्व बैंक की पॉलिसी (RBI Policy) 4 दिसंबर से शुरू होगी और 6 दिसंबर को इसका नतीजा आएगा. सवाल है, क्या इस बार RBI गवर्नर रेट कट करने जा रहे हैं? क्या आपके लोन की EMI कम होने जा रही है? महंगाई पर काबू पाया जा सकेगा? GDP को कितना फायदा होगा? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं.
रेपो रेट में कटौती का क्या मतलब है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. जब RBI इस दर को घटाता है तो बैंकों के लिए पैसा सस्ता हो जाता है और वे कम ब्याज दर पर लोन दे पाते हैं.
क्यों रेट कट कर सकता है RBI?
- लोन लेना आसान बनाना.
- बाजार में नकदी (Liquidity) बढ़ाना.
- अर्थव्यवस्था को गति देना.
- महंगाई पर नियंत्रण रखना.
आपकी EMI पर क्या असर पड़ेगा?
रेपो रेट में कटौती का सीधा असर आपकी होम लोन, कार लोन और दूसरी EMI पर पड़ता है. अगर रेपो रेट घटता है तो बैंकों की तरफ से ऑफर किए जाने वाले लोन की ब्याज दर भी कम हो सकती है. इसका मतलब है कि आपकी EMI पर इसका सीधा असर दिखेगा और ये कम हो सकती है. खासतौर पर फ्लोटिंग रेट लोन वाले ग्राहकों को तुरंत राहत मिल सकती है. अगर रेपो रेट में 0.25% की कटौती होती है और आपका होम लोन ₹30 लाख का है तो आपकी EMI में ₹500-1000 तक की कमी हो सकती है.
महंगाई पर क्या असर होगा?
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RBI का मुख्य उद्देश्य महंगाई को नियंत्रित करना है. रेपो रेट कम होने से बाजार में पैसे की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे डिमांड बढ़ेगी. लेकिन अगर डिमांड ज्यादा बढ़ती है तो यह महंगाई को बढ़ा भी सकता है. इसीलिए RBI एक बैलेंस बनाकर रेट कट करता है, ताकि डिमांड और सप्लाई नियंत्रण में रहे.
GDP को कैसे सपोर्ट करेगा?
रेपो रेट में कटौती का सकारात्मक असर देश की GDP पर होता है. सस्ते लोन मिलने से उद्योगों और कारोबारियों के लिए निवेश करना आसान हो जाता है. नई नौकरियां पैदा होती हैं और उपभोक्ता खर्च (Consumer Spending) बढ़ता है. इससे आर्थिक गतिविधियां तेज होती हैं और GDP को गति मिलती है.
शेयर बाजार पर क्या होगा असर?
रेपो रेट कटौती की खबर शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकती है. बैंकों के शेयरों में बढ़त देखने को मिलती है. रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा मिलता है. हालांकि, अगर महंगाई बढ़ने की आशंका होती है, तो बाजार में अस्थिरता भी आ सकती है.
रेपो रेट कितना घट सकता है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बार RBI रेपो रेट में 0.25% से लेकर 0.50% तक की कटौती कर सकता है. अभी रेपो रेट 6.50% पर है. कटौती के बाद यह 6.25% या 6.00% तक आ सकता है.
आप कैसे उठा सकते हैं रेट कट का फायदा?
- फ्लोटिंग रेट लोन पर शिफ्ट करें: अगर आपका लोन फिक्स्ड रेट पर है, तो फ्लोटिंग रेट पर स्विच करना सही रहेगा.
- नए लोन लेने का सही समय: रेपो रेट कट के बाद बैंक लोन की ब्याज दरें कम कर सकते हैं.
- इक्विटी निवेश करें: शेयर बाजार में अच्छे सेक्टर चुनकर निवेश कर सकते हैं.
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06:46 PM IST